एक अजीब सा सिलसिला

राह मेरी थी और चल रहा था वो,
दुनिया मेरी थी और खो रहा था वो।
मोहब्बत का सिलसिला भी अजीब होता है,
हंसी मेरी थी और रो रहा था वो।

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