प्रेमांजलि: स्नेह के रंगों में जलती हुई ज्योति

स्नेह के रंगों में, हम सभी रचते हैं वही,
हर साझी की गई यादों में, हम आनंद लेते हैं वही,
उतार-चढ़ाव के माध्यम से, हम बढ़ते हैं वही,
प्रेम की अनंत ज्योति, सदा जलती है वही।

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